*आत्मविश्वास *
" आत्म विश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास
अद्वित्य,अदृश्य, आत्मा की आवाज़ है ,आत्मविश्वास"
आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है।
" आत्म विश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास
अद्वित्य,अदृश्य, आत्मा की आवाज़ है ,आत्मविश्वास"
आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है।
आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है
जो मनुष्य की सबसे बड़ी धरोहर है।
आत्म विश्वास ही चींटी को पहाड़ चढ़ने को प्रेरित करता है ,वरना कहाँ चींटी कहाँ पहाड़।
आत्मविश्वास विहीन मनुष्य मृतक के सामान है ।
आत्मविश्वास विहीन मनुष्य मृतक के सामान है ।
तन की तंदरुस्ती माना की पौष्टिक भोजन से आती है
परन्तु मनुष्य के आत्मबल को बढ़ाता है
उसका स्वयं का आत्मविश्वास ।
आत्म विश्वास ही तो है जिसके बल पर बड़ी-बड़ी जंगे जीती जाती हैं ,इतिहास रचे जाते हैं ।
आत्मविश्वास, यानि, स्वयं की आत्मा पर विश्वास
स्वयं का स्वयम पर विश्वास जरूरी है ,वरना हाथों
की लकीरें भी अधूरी हैं।
कहते हैं हाथों की लकीरों में तकदीरें लिखी होती है
बशर्ते तकदीरें भी कर्मों पर टिकी होती हैं ।
आत्म विश्वास यानि स्वयं में समाहित ऊर्जा को पहचानना और उसे उजागार करना ।
तन की दुर्बलता तो दूर हो सकती है
परन्तु मन की दुर्बलता मनुष्य को जीते जी मार
देती है ।
इसलिए कभी भी आत्म विश्वास ना खोना
मेरे साथियों ,क्योंकि आत्मविश्वास ही तुम्हारी
वास्तविक पूँजी है , जो हर क्षण तुम्हें प्रेरित करती है।
निराशा से आशा की और ले जाती है ।
निराशा से आशा की और ले जाती है ।
बहुत सुंदर लिखा आपने रितु जी।
जवाब देंहटाएंश्वेता जी आपकी टिप्पणी द्वारा उत्साह बढ़ाने के लिये धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास से ही हर मुश्किलों का सामना किया जा सकता है। सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय ज्योति जी मनभावन टिप्पणी द्वारा हमेशा प्रोत्साहित करने के लिये आभार सहित धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 04 सितंबर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com आप सादर आमंत्रित हैं ,धन्यवाद! "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद ध्रुव जी ।
हटाएंबहुत सुंदर!!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद विश्व मोहन जी
हटाएंयदि स्वयं पे भरोसा हो तोः आकाश से भी परे हैं हम, यह याद दिलाने के लिए धन्यवाद् . अक्सर जीवन में हम यह भूल जाते हैं की मन के हारे हार है और मन के जीते जीत
जवाब देंहटाएंवन्दना जी टिप्पणी द्वारा उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद
हटाएंआत्मविश्वास पर बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने .बधाई स्वीकार करें .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अपर्णा जी आभार धन्यवाद
हटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआत्मविश्वास होना अति आवश्यक....
सुधा जी आपका धन्यवाद ,आभार।
हटाएंआत्मविश्वास पर सार्थक लेख }सचमुच इसके बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक है |
जवाब देंहटाएंसस्नेह हार्दिक शुभकामना |
रेणु जी टिप्पणी द्वारा उत्साह बढ़ाने के लिये धन्यवाद।
हटाएंवाह ! क्या बात है ! बहुत सुंदर ! बहुत खूब आदरणीया ।
जवाब देंहटाएंशानदार टिप्पणी द्वारा उत्साह बढ़ाने के लिये धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएं