* शुभ संकेत*
पथरीली राहें,मिट्टी की गोद,
कभी चिलचिलाती धूप ,
कभी आँधी-तूफान में रहकर
ही एक वृक्ष है फलता-फूलता
तभी तो कहते है ,धैर्य रख ऐ बन्दे
कठिनाइयों को सहकर एक परिपक्व
मानव है बनता ।।
सादगी से सौंदर्य निखरता है,
व्यवहार में हो सरलता, विचारों
में हो निर्मलता ,तभी तो कोई
सफलता की सीढ़ियाँ है चढ़ता ।
हवाओं में आज मीठी सी महक है,
शायद फिर से कोई नेकी की राह चला है ।
किसी के मन मे सर्वजनहिताय का भाव जगा है ।
तभी तो आज हर दिल को सुकून है
स्वर्ग धरा पर बना देने का जनून है ।
क्या वो कोई जादूगर है , या तिलसमिया दुनियाँ से आया है ।
वो तो बहुत शुभ संकेत लाया है ।
उसने निस्वार्थ भाव से सबको अपनाया है ।
पथरीली राहें,मिट्टी की गोद,
कभी चिलचिलाती धूप ,
कभी आँधी-तूफान में रहकर
ही एक वृक्ष है फलता-फूलता
तभी तो कहते है ,धैर्य रख ऐ बन्दे
कठिनाइयों को सहकर एक परिपक्व
मानव है बनता ।।
सादगी से सौंदर्य निखरता है,
व्यवहार में हो सरलता, विचारों
में हो निर्मलता ,तभी तो कोई
सफलता की सीढ़ियाँ है चढ़ता ।
हवाओं में आज मीठी सी महक है,
शायद फिर से कोई नेकी की राह चला है ।
किसी के मन मे सर्वजनहिताय का भाव जगा है ।
तभी तो आज हर दिल को सुकून है
स्वर्ग धरा पर बना देने का जनून है ।
क्या वो कोई जादूगर है , या तिलसमिया दुनियाँ से आया है ।
वो तो बहुत शुभ संकेत लाया है ।
उसने निस्वार्थ भाव से सबको अपनाया है ।