* धरती पर स्वर्ग जैसा है *ऋषिकेश*


      *ऋषिकेश* यह वास्तव में देवों की धरती है
       गौ मुख से प्रवाहित ,गंगोत्री जिसका धाम ,
       अमृतमयी ,निर्मल गँगा माता को मेरा शत-शत
             प्रणाम *

        
 *  देवों की भूमि है,अमृतमयी गँगा की अमृत धारा है *
       " ये जो शहर हमारा है "
  * इसका बड़ा ही रमणीय नज़ारा है ,
 *  हिमालय की पहाड़ियों का रक्षा कवच है ,*
  *  नीलकण्ठ महादेव का वास है 
   
   * बदरीनाथ, केदारनाथ,का आशीर्वाद है,*
      लक्ष्मण झूला का भी प्रमाण है।
   * मन्दिरों में गूँजते शंखनाद हैं ।

    महात्माओं के मुख से सुनते सत्संग का प्रसाद है ।
    निर्मल,शान्त,अध्यात्म से परिपूर्ण सत्संगी वायुमंडल सारा है
   
   वास्तव में प्रकर्ति,और परमात्मा ने इसे खूब सवांरा  है
    अद्भुत अतुलनीय ,स्वर्गमयी ये *ऋषिकेश*शहर हमारा है।।
    
    

13 टिप्‍पणियां:

  1. ऋषिकेश की पावन धरती पे जितनी बार जाओ उतना ही आनंद देती है ... आलोकिक भाव उपजने लगते हैं स्वतः ही ...

    जवाब देंहटाएं
  2. ऋषिकेश का बहुत ही सुंदर वर्णन।

    जवाब देंहटाएं
  3. सच मे ऋषिकेश में प्राकृतिक सम्पदा ,नैसर्गिक, सौंदर्य और मानसिक शांति है ।

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है http://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/04/15.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. विविधता से परिपूर्ण भारतीय संस्कृति के अंग हमारे धार्मिक स्थल अनेकानेक विशिष्‍टताओं से परिपूर्ण हैं. ऋषिकेश की प्राकृतिक सुषमा और धार्मिक महत्व का काव्यमय वर्णन सहज,सरल और मनभावन है.

    जवाब देंहटाएं
  6. धन्यवाद ध्रुव जी और रविन्दर सिंह जी ।

    जवाब देंहटाएं
  7. सौंदर्य और पवित्रता का जहाँ संगम होता हो वहां देवताओं का वास होता है.सुन्दर चित्रण ऋषिकेश की पावन भूमि का

    जवाब देंहटाएं

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...