ऊं नमो शिवाय
शिवमय संसार
शिव ही जीवन का आधार
ढूंढता हूं शिव को आंखें मूंद
जबकि शिव तुझमें- मुझमें भीतर- बाहर
दिव्य ज्योत का लो आधार
शिव से होगा एकीकार
भय पर...
पाकर विजय
बना मैं अजेय ...
भय- भ्रम सब का अंत
दुविधाओं का डर नहींं
दौर अग्नि परीक्षाओं का
हुए सब खोट बाहर
शिव स्तुति उपासना का आधार
शिव शक्ति दिव्य ज्योति से जब हुआ एकीकार
मिला जीवन को सुंदर आकार
कुन्दन बना ,कोयले की खानों
में ज्यों एक हीरा नायाब जैसे
सृष्टि कर्ता जब संग अपने
जीवन के अद्भुत रंग अपने
शिव शक्ति को स्मरण कर
ऊं नमो शिवाय का मंत्र रख संग अपने
ऊं नमो शिवाय ।।
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