क्षितिज एक चित्रकला

 अरुणोदय क्षितिज दृश्य
  प्रकृति निपुण चित्रकार
 सौम्य अलौकिक दिव्यता
 संग समर्पण और विश्वास

 मन दर्पण पनपते प्रश्न
 रंगों के अद्भुत सामंजस्य का संगम
 इंद्रधनुषी रंगों की कतार
 स्वर्णिम सपनों का सुन्दर संसार

कैनवास में कूची का विस्तार
नयनों के छाया चित्र का आधार
सटीक, चित्र पर रंग बिखेरता चित्रकार

क्षितिज के उस पार
मधुर मिलन की संपूर्णता
का एहसास ,सत्यता पर
पूर्ण विश्वास .....

दो किनारों का मिलन 
मानों नभ करता धरा का वंदन 
अद्भुत आभास 
दूर होकर भी निकट
विस्तृत ,विराट 
आकार ,गोलाकार कहीं तो
संभव होगा मिलन  
दोनों ही अस्तित्व का आधार.....
  

12 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 18 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. यशोदा जी नमन आभार मेरे द्वारा सृजित रचना को पांच लिंको के आनंद में सम्मलित करने हेतु

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  2. बेहद सुंदर रचना रितु जी।
    शब्द संयोजन मोहक है।
    सार्थक.संदेश प्रेषित करना आपकी रचनाओं की विशेषता है।
    सादर।

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  3. बहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय दीदी.
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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