*मार्गदर्शक की भूमिका *

 सकारात्मक संकल्प
 के दिए का प्रकाश का पुंज
 होता है एक कवि ।

 निराशा में आशा की
 मशाल लेकर चलता है
 एक कवि
 उम्मीद की नयी किरणें
 सकारात्मक दिव्य प्रकाश
 के दिए जलाते चलो

माना की तूफ़ान तेज है
तिनका -तिनका बिखरो मत
उन तिनकों से हौसलों की
बुलन्द ढाल बनाते चलो

माना की घनघोर अंधेरी रात है
नाकारत्मक वृत्तियों से लड़ते हुए
सकारात्मकता का चापू चलाते चलो

संघर्ष के इस दौर में
हौसलों के महल बनाते चलो
राह में आने वालों के लिए
मार्गदर्शक की भूमिका निभाते चलो।



2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर आशा वादी भावों का प्रचार कवि की नैतिक जिम्मेदारी है ।
    बहुत सुंदर।

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