शोधों पर शोध

शोधों पर शोध
कांपी धरा रौद्र
रूप भर क्रोध।

हवाओं में फैला जहर
संसार पर बनकर कहर।

विष संग खेला
अब विष ने आकर
तुझको ही घेरा ।

जीने के शौंक में
मौत के आशियाने
बना लिए, वाह! मानव
तूमने अपने जीने के लिए
मरने के ठिकाने बना लिए ।






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