उपहार में अपनी मुस्कान दे आया 😀😄😀😃😀😀😃 .......

उपहारों की होड़ लगी थी
कीमती से कीमती उपहारों
का आदान -प्रदान हो रहा था
मुझे भी देना था कोई उपहार
साधारण नहीं ,सामान्य भी नहीं
अद्भुत,अतुलनीय ,बेशकीमती
उपहारों की खोज बीन में मैंने बहुत
समय गवांया फिर भी मुझे कुछ ना
समझ में आया
अब कहां से और
क्या लाता उपहार
उपहार ने बिगाड़ा मेरा व्यवहार
मैं तो भूल बैठा अपना संस्कार
अब कहां से लाऊं अनोखा उपहार
सब कुछ लग रहा था बेकार
अब किसी चमत्कार का था इंतजार
आखिर जश्न का समय आ गया
मैंने शुभकामनाओं का टोकरा
लुटाया , गले लगाया
 उपहार में अपनी मुस्कान दे आया
सारा माहौल खुशनुमा बना आया
उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया ।





6 टिप्‍पणियां:

  1. मैंने शुभकामनाओं का टोकरा
    लुटाया , गले लगाया
    उपहार में अपनी मुस्कान दे आया
    सारा माहौल खुशनुमा बना आया
    उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया । बेहतरीन प्रस्तुति ऋतु जी

    जवाब देंहटाएं
  2. हंसी का काहिल बना आना ... मुस्कान सभी के चेहरे ओर बाँट आने से ज़्यादा कुछ नहीं है ...

    जवाब देंहटाएं
  3. उपहार में अपनी मुस्कान दे आया
    सारा माहौल खुशनुमा बना आया
    उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया ।
    अति उत्तम विचारों से सजी सुन्दर रचना ऋतु जी ।

    जवाब देंहटाएं

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...