उपहारों की होड़ लगी थी
कीमती से कीमती उपहारों
का आदान -प्रदान हो रहा था
मुझे भी देना था कोई उपहार
साधारण नहीं ,सामान्य भी नहीं
अद्भुत,अतुलनीय ,बेशकीमती
उपहारों की खोज बीन में मैंने बहुत
समय गवांया फिर भी मुझे कुछ ना
समझ में आया
अब कहां से और
क्या लाता उपहार
उपहार ने बिगाड़ा मेरा व्यवहार
मैं तो भूल बैठा अपना संस्कार
अब कहां से लाऊं अनोखा उपहार
सब कुछ लग रहा था बेकार
अब किसी चमत्कार का था इंतजार
आखिर जश्न का समय आ गया
मैंने शुभकामनाओं का टोकरा
लुटाया , गले लगाया
कीमती से कीमती उपहारों
का आदान -प्रदान हो रहा था
मुझे भी देना था कोई उपहार
साधारण नहीं ,सामान्य भी नहीं
अद्भुत,अतुलनीय ,बेशकीमती
उपहारों की खोज बीन में मैंने बहुत
समय गवांया फिर भी मुझे कुछ ना
समझ में आया
अब कहां से और
क्या लाता उपहार
उपहार ने बिगाड़ा मेरा व्यवहार
मैं तो भूल बैठा अपना संस्कार
अब कहां से लाऊं अनोखा उपहार
सब कुछ लग रहा था बेकार
अब किसी चमत्कार का था इंतजार
आखिर जश्न का समय आ गया
मैंने शुभकामनाओं का टोकरा
लुटाया , गले लगाया
उपहार में अपनी मुस्कान दे आया
सारा माहौल खुशनुमा बना आया
उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया ।
मैंने शुभकामनाओं का टोकरा
जवाब देंहटाएंलुटाया , गले लगाया
उपहार में अपनी मुस्कान दे आया
सारा माहौल खुशनुमा बना आया
उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया । बेहतरीन प्रस्तुति ऋतु जी
नमन अनुराधा जी स स्नेह आभार
हटाएंहंसी का काहिल बना आना ... मुस्कान सभी के चेहरे ओर बाँट आने से ज़्यादा कुछ नहीं है ...
जवाब देंहटाएंनमन स हृदय आभार
हटाएंउपहार में अपनी मुस्कान दे आया
जवाब देंहटाएंसारा माहौल खुशनुमा बना आया
उपहार में अपना सर्वश्रेष्ठ दे आया ।
अति उत्तम विचारों से सजी सुन्दर रचना ऋतु जी ।
नमन स हृदय आभार मीना जी
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