*सोच *


*ये सोचना की
मृत्यु के बाद शांति मिलेगी मृगतृष्णा सा है
मृत्यु के बाद की किसने जानी
जीवन एहसासों और भावनाओं का बड़ा समुंदर है ,सुख-दुख शांति -अशांति सब मनुष्य मन के भीतर     ही है  *

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