* खुद को बदलो
दूसरों को बदलने की
कोशिश में अपना वक़्त जाया ना करें
स्वयं को बदल कर तो
देखो ,क्या पता आप में सकारात्मक
बदलाव देखकर जमाना स्वयं में
बदलाव शुरू कर दे**
Ritu Asooja Rishikesh , जीते तो सभी है , पर जीवन वह सफल जो किसी के काम आ सके । जीवन का कोई मकसद होना जरूरी था ।परिस्थितियों और अपनी सीमाओं के अंदर रहते हुए ,कुछ करना था जो मेरे और मेरे समाज के लिए हितकर हो । साहित्य के प्रति रुचि होने के कारण ,परमात्मा की प्रेरणा से लिखना शुरू किया ,कुछ लेख ,समाचार पत्रों में भी छपे । मेरे एक मित्र ने मेरे लिखने के शौंक को देखकर ,इंटरनेट पर मेरा ब्लॉग बना दिया ,और कहा अब इस पर लिखो ,मेरे लिखने के शौंक को तो मानों पंख लग
आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...
वाह !बहुत ख़ूब दी जी
जवाब देंहटाएंसादर
नमन आभार अनीता जी
हटाएंसच हम बदलेंगे तो युग बदलेगा!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
नमन आभार कविता जी
हटाएंसही कहा है ... अप बदलोगे तो नजरिया भी बदलेगा ...
जवाब देंहटाएंनमन दिगम्बर जी
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