" अपने लिये तो सभी जीते हैं,
"जब तक साँस है ,तब तक आस
जिन्दगी का हर वो लम्हा ख़ास है,
जिस लाहे में कुछ ऐसे कर्म कर दिये
जायें जिसमे हम किसी के जीने की
वज़ह बन जाये ,हमारे इस दूनियाँ से चले
जाने के बाद भी हमें याद किया जाता रहे ।"
"ज़िन्दगी भर मैं ख़्वाहिशों का टोकरा भरता रहा ।
एक ख़्वाहिश पूरी हुयी, दूसरी तैयार
ख्वाहिशें तो पूरी ना हुई ,पर साँसों की गिनती
पूरी हो गयी और मैं दुनियाँ से चलता बना ।"
पर जीवन वह सफल है ,जो औरो
के जीने के लिए भी जिया जाये ।"
"जब तक साँस है ,तब तक आस
जिन्दगी का हर वो लम्हा ख़ास है,
जिस लाहे में कुछ ऐसे कर्म कर दिये
जायें जिसमे हम किसी के जीने की
वज़ह बन जाये ,हमारे इस दूनियाँ से चले
जाने के बाद भी हमें याद किया जाता रहे ।"
"ज़िन्दगी भर मैं ख़्वाहिशों का टोकरा भरता रहा ।
एक ख़्वाहिश पूरी हुयी, दूसरी तैयार
ख्वाहिशें तो पूरी ना हुई ,पर साँसों की गिनती
पूरी हो गयी और मैं दुनियाँ से चलता बना ।"
जीते तो सभी हैं ,पर जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए जिया जाए
जवाब देंहटाएंजीते तो सभी हैं ,पर जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए जिया जाए
जवाब देंहटाएंजीते तो सभी हैं ,पर जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए जिया जाए
जवाब देंहटाएंजीते तो सभी हैं ,पर जीवन वह सफल है जो औरों के जीने के लिए जिया जाए
जवाब देंहटाएं" अपने लिये तो सभी जीते हैं,
जवाब देंहटाएंपर जीवन वह सफल है ,जो औरो
के जीने के लिए भी जिया जाये ।"
बिल्कुल सही...सुंदर प्रस्तुति।
सही कहा ज्योति जी ,जी बहुत चाहता है , कि कुछ ऐसा करें पर ..... मुझे प्रेरणा मिलती है वृक्षों से पुष्पों से नदियों से काश हमारा जीवन भी ऐसा बन पाए
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