👌 हिमपात👌

     👌  हिमपात 👌

   सर्दियों की सौगात,
   सर्द हवाओं वाली दिन
    और रात ।
   दोपहर में मीठी धूप
     की तपिश ।
 मानों तन को सहलाता माँ
   का ममता भरा हाथ ।

पल-पल में करवट बदलता मौसम ।
सर्दियों में ,पहाड़ों का श्रृंगार करता
      हिमपात ।

श्वेत ,निर्मल , मखमली ,जलकणों का
शून्य तापमान ,पर बन हिमकण ,
आसमान से गिरना ,और प्रकृति का करना
श्रृंगार , पत्ता-पत्ता डाली- डाली हर और
शवेत बर्फ की चादर बिछना ।

पहाड़ों में प्रकृति का अनुपम श्रृंगार
मानों स्वर्ग से कोई शवेत परी का अद्भुत अलंकार
वाह गज़ब है, धरती पर ,प्रकृति की सौगात देता
अज़ब -गज़ब चित्रकार ।



4 टिप्‍पणियां:

  1. हिमपात का सुंदर शब्द चित्रण। पहली चार पंक्तियों में से पहली पंक्ति निकाल दें तो सुंदर हाइकु बनता है। सुंदर प्रस्तुति ऋतू जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही उम्दा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही उम्दा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  4. रितु जी, हिमपात का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है आपने। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...