👶👧🏼आओ अपने -अपने घरों
की रौनेकें बड़ायें
दीवारों पर लगे जाले हटायें
धूल मिट्टी की परतें हटाएँ ।”
🧚♀️खिलौनों से घर भर जाएँ
गुड्डे-गुड़िया ,राजा -रानी की
कहानियाँ सुने सुनायें🧜♀️
कहीं रेडू चलाएँ ,
लट्टु घुमाये ,लट्टु घुमा-घुमा कर
सारी दुनिया के चक्कर लगायें
धरती पर रेंगते -रेंगते बड़े हो जायें
जिस धरती पर गिर -गिर के सम्भले
सम्भलते -सम्भालते आज समाज को
सम्भालने लगे ,आसमा की ऊँचाइयाँ छूने
लगे हैं ,उस धरती माँ से जुड़े रहें
आगे बड़े ,परन्तु आगे बड़ने की होड़ में
अपनी माओं को ना भूल जायें
एक जन्म देने वाली ,पालना करने वाली
और एक धरती माँ
इनका ना अपमान करें ,
जिनकी ऊँगली पकड़ तुमने
सम्भालना सीखा ,जिनकी शिक्षाओं
ने तुम्हें अच्छे संस्कारों से सींचा
उस माली को ना भूल जाना जिस धरती माँ
की गोद में गिर -गिर के सम्भले
उस माँ से जुड़े रहना
जाओ बच्चों आसमान की ऊँचाइयाँ छूना
परन्तु लौट के घर को आना
ये मतायें आज भी तुम्हारी राह देखती है
कोई फिर से मिट्टी के घर बनायें
माँ के हाथ की सुखी रोटी भी प्रसाद बन जाये ।
की रौनेकें बड़ायें
दीवारों पर लगे जाले हटायें
धूल मिट्टी की परतें हटाएँ ।”
🧚♀️खिलौनों से घर भर जाएँ
गुड्डे-गुड़िया ,राजा -रानी की
कहानियाँ सुने सुनायें🧜♀️
कहीं रेडू चलाएँ ,
लट्टु घुमाये ,लट्टु घुमा-घुमा कर
सारी दुनिया के चक्कर लगायें
धरती पर रेंगते -रेंगते बड़े हो जायें
जिस धरती पर गिर -गिर के सम्भले
सम्भलते -सम्भालते आज समाज को
सम्भालने लगे ,आसमा की ऊँचाइयाँ छूने
लगे हैं ,उस धरती माँ से जुड़े रहें
आगे बड़े ,परन्तु आगे बड़ने की होड़ में
अपनी माओं को ना भूल जायें
एक जन्म देने वाली ,पालना करने वाली
और एक धरती माँ
इनका ना अपमान करें ,
जिनकी ऊँगली पकड़ तुमने
सम्भालना सीखा ,जिनकी शिक्षाओं
ने तुम्हें अच्छे संस्कारों से सींचा
उस माली को ना भूल जाना जिस धरती माँ
की गोद में गिर -गिर के सम्भले
उस माँ से जुड़े रहना
जाओ बच्चों आसमान की ऊँचाइयाँ छूना
परन्तु लौट के घर को आना
ये मतायें आज भी तुम्हारी राह देखती है
कोई फिर से मिट्टी के घर बनायें
माँ के हाथ की सुखी रोटी भी प्रसाद बन जाये ।