हमसाया

हमसाया हम सब मां का 

मां का प्यार कड़वी औषधि 

का सार, खट्टा मीठा सा 

प्यारा एहसास 

मां की कृति हम सब 

मां की आकृति हम सब 

मां ने हमें आकार दिया 

ज्ञान संस्कारों का वरदान दिया 

मां ने हमें तराश -तराश कर सभ्य 

सुसंस्कृत जीवन जीने का अधिकार दिया 

मां ने ही हमें बनाया, मां ने हमें संवारा 

मां ने हमें संसार में रहने को 

बल, बुद्धिि, विवेक, धैर्य की संजीवनी के 

अमृत का रस पान दिया , मां ने हमें बनाया 

मां का ही हम सब हमसाया 

पिता विशाल कल्पवृक्ष  

जड़ों की मजबूती का साया ।।






मां की महिमा का क्या बखान करूं 



एसी कोई जगह नहीं जहां नहीं होती 



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