क्या तुम जिन्दगी में आगे नहीं बढ़ना चाहते , नहीं साहब जी ,बस हम खुश हैं....अपनी इस छोटी सी दुनिया में इतने ऊंचे सपने हमें नहीं सुहाते .... हमरा परिवार में हमको मिलाकर पांच जन हैं.. हमारे दो लड़की दो लड़का है एक पत्नी है उनकी रोटी का इंतजाम होता रहे बस बहुत है ।
और बच्चों की पढ़ाई .....उनकी मां रोज उन्हें भेजती है पास के सरकारी स्कूल में , ज्यादा पढ़-लिख कर क्या करेंगे , बाबू जी .... हमारे पास इतना नहीं की हम इनको ऊंचे-ऊंचे सपने दिखा सके । बच्चों का ब्याह करा दें यही है अपना सपना।
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