सौ प्रतिशत सच का ,
मिलावटी सच
पक्के वादों का,
मिलावटी सच
दुग्ध में जल या जल में दुग्ध
मिलावट का अदृश्य सच
कहने में,करने में होने में,
मोहब्बत में,प्यार में ,
इरादों में,वादों में
सब में लगाया जाता है
स्वार्थ का मक्खन।
रंगों का बाजार
आकर्षण का संसार
तस्वीर के रंग हजार
मुखौटे लगा चल रहा है व्यापार
मिलावट की दुनियां के चर्चे हजार
फिर भी मिलावट का ही होता करोबार ।
सौ प्रतिशत सच का ,मिलावटी सच
चेहरे पर हंसी का मिलावटी पहरा
मिलावट का सौंदर्य, नायक -नायिकाओं के
आकर्षण का केंद्र
मिलावट की दुनियां के चर्चे हजार
मिलावट का रचता बसता संसार
बस एक ही विनती है और है मेरी
कुछ मिलावट कर लो नफरत में कुछ मिलावट
कर लो प्रेम की, स्वार्थ में कुछ मिलावट कर लो
निस्वार्थ प्रेम की ,
क्यों ना कर दें अब हम सब मिलकर मिलावट का ही
का काम तमाम।
Ritu Asooja Rishikesh , जीते तो सभी है , पर जीवन वह सफल जो किसी के काम आ सके । जीवन का कोई मकसद होना जरूरी था ।परिस्थितियों और अपनी सीमाओं के अंदर रहते हुए ,कुछ करना था जो मेरे और मेरे समाज के लिए हितकर हो । साहित्य के प्रति रुचि होने के कारण ,परमात्मा की प्रेरणा से लिखना शुरू किया ,कुछ लेख ,समाचार पत्रों में भी छपे । मेरे एक मित्र ने मेरे लिखने के शौंक को देखकर ,इंटरनेट पर मेरा ब्लॉग बना दिया ,और कहा अब इस पर लिखो ,मेरे लिखने के शौंक को तो मानों पंख लग
*सौ प्रतिशत मिलावट का सच*
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
२३ मार्च २०२० के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
जी स्वेता जी आभार मेरे द्वारा सृजित रचना को पांच लिंक के आनंद में सम्मलित्त करने के लिए
हटाएंवाह! बेहतरीन सृजन।बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजी आभार सुजाता जी
हटाएंवाह!रितु जी ,बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंआभार शुभ जी
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी सोच।
मिलावट यूँ ही खत्म होगी।
नई रचना सर्वोपरि?