जीवन मूल्यों के उच्च संस्कारों
के आदर्शों को धारण करके
व्यक्तित्व में निखार आता है।
लेबल लगे उत्पादों से कोई बड़ा नहीं होता
यह सिर्फ भ्रम पैदा करता है बड़ा होने का
लेबल लगे मंहगे उत्पादों तो पुतले की भी
शोभा बढ़ाते हैं।
व्यक्तित्व में निखार आता है
सादगी से, सत्यता से ,विनम्रता से
परस्पर प्रेम से....
चेहरे पर मेकअप लगा कर तो
सिनेमा में लुभाया जाता है।
धन -दौलत को सर्वोपरि समझने वालों
सम्मान दो उस शिक्षकों को, शिक्षा को
जिसके ज्ञान से तुम्हें ऊंचे पदों प्राप्त हुए।
सम्मान तो वास्तव में उच्च जीवन मूल्यों
और उच्च आदर्शों का और नैतिक मूल्यों
का ही होता है ,जो जीवन को सर्वसंपन्न कराती है
मनुष्य को देखो साधनों को औकात समझ कर
इतराते फिरते हैं।
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