*मैं वो भाषा हूं जो सबको समझ आ जाती हूं
मैं ना कुछ बोलती हूं ,ना कुछ कहती हूं
फिर भी लोगों के दिल में उतर जाती हूं *
*सोचना पड़ा
खुदा को भी सच्ची मोहब्बतों के कुछ चिरागों को नफरतों की आंधियों के आगे भी ना बुझते देख अपने चक्षुओं को अश्कों से भिगोना पड़ा सोचना पड़ा खुदा को भी मोहब्बत के नाम पर फ़ना होना पड़ा*
*भावनाएं भी क्या चीज हैं
जीवन का आधार ,जीवन का सार है
भावनाओं से रहित जीवन निराधार हैं
भावनाएं नदिया का बहता जल
लहरें उतार -चढ़ाव,
फंसना यानी भंवर में फंसना
भावनाओं की लहरों संग सामंजस्य बिठा कर
जीवन नैय्या पार करना ही जीवन यात्रा की सफलता ....*
बहुत सुंदर प्रस्तुति ऋतु जी
जवाब देंहटाएंनमन अनुराधा जी
हटाएं