"आतंकवाद के जहरीली नस्लों का अब अंत करो "

आतंकवाद के जहरीली नस्लों का अब अंत करो "

उखाड़ फेंखो आतंकवाद की जहरीली खेती को
इन जहरीले बीजों का अंत करो
वरना सारी धरती जहरीली हो जायेगी
एक बार फिर आंकवाद के इस जहरीले
जहर ने ड्स लिया भारत मां के कई
वीर सपूतों को ,धरती मां कांप रही है ......
आने वाला है ,कोई जलजला
शिव को फिर से आना होगा
धरती पर, तांडव दिखाना होगा
उठा त्रिशूल ,करो अंत आतंक का
फिर से त्रस्त हो रही धरती
फिर से कराह रहा है मानव
जिन नस्लों में जहर फैल चुका है
उन नस्लों का संहार करो
पीकर जहर फिर से इस धरती
को आंकवाद मुक्त करो
या कोई ऐसी राह बता आतंकवाद को
जड़ों से उखाड़ फेंकूं एक -एक जहरीले
बीज का अंत करूं
नए बीजों में परस्पर प्रेम ,अमन चैन ,का अमृत भरूं ।

( श्रद्धांजलि देश के वास्तविक नायकों को देश के वीर सिपाहियों को)

2 टिप्‍पणियां:

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