*सफलता कभी भी परिस्थितयों की मोहताज नहीं होती
आज तक जितने भी सफ़ल लोग हुये हैं, उन सब ने विपरीत परिस्थियों से लड़कर ही सफलता पायी है *
* उड़ने को पँख तो मिले थे, पँखों में उड़ान भी थी ,परन्तु उड़ने को खुला आसमान नहीं था
विचारों के समन्दर मैं पंख फड़फड़ाते थे ,विचार उड़ान तो भरते थे, परन्तु दायरे सिमित थे *
निःसंदेह यह बात तो सत्य है ,कि डिजिटल दुनियाँ ने लेखक, लेखिकाओं को , लिखने को खुला आसमान दिया
विचारों और भावों को प्रकट करने को भव्य खुला आकाश
दिल से आभार और धन्यवाद ,"prachidigital.in " का जिसने देशभर से 24 लेखकों का चयन किया
उन 24 लेखकों की 24 कहानियों की "पंखुड़ियाँ "
Prachidigital.in publish प्रकाशित करने जा रहा है e-book "पंखुड़ियाँ"
देश भर के "चौबीस लेखक ,लेखिकाएं , और उनकी चौबीस कहानियाँ
" चौबीस लेखक ,चौबीस कहानियाँ "" पंखुड़ियाँ"
दिन :-24, जनवरी समस्त भारत देशवासी पढ़ेंगे e- book " पंखुड़ियाँ"
ऋतु असूजा की कहानी "आसमानी फ़रिश्ते " से भी खिली एक पंखुड़ी
जवाब देंहटाएंपंखुड़ियों का कहानी संग्रह आभार प्राची डिजिटल का इतना सुनहरा अवसर प्रदान करने केलिए