💐खूबसूरती💐
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विचार हों खूबसूरत तो सब खूबसूरत नज़र आता है । आँखों का कोई दोष नहीं ,दिल में हो खूबसूरती तो पत्थर भी तरश कर हीरा बन जाता है ।वो पत्थर ही थे जिन्हें तराश कर कारीगरों की खूबसूरत सोच ने ताज़महल जैसी बेमिसाल इमारात बना डाला ।
हर और खूबसूरत देखने की आदत मैंने डाली है ।
मेरी सोच भी बड़ी डरपोक है ,चाहती तो सब अच्छा है ,पर न जाने क्यों भटक जाती है, शायद डर जाती है सब कुछ अच्छा चल रहा होता हैं ,पर न जाने क्यों वो कुछ नकारात्मक सोचने लगती है ,शायद मेरी सोच मेरी बुद्धि चाँद में ग्रहण होने से डर जाती है गुलाब में भी काँटों के चुभ जाने से डरती है ।जिस दुनियाँ ने सीता माँ को नहीं छोड़ा उस दुनियां की नकारात्मक सोच से डरती है ,पर अब मैंने भी ठानी है ।
नकारात्मक सोच के बीजों को अपनी बुद्धि से उखाड़ फैंकने की योजना बना ली है ,जो होना है वो तो हो होगा ही ,परिवर्तन प्रकृति का नियम है ।
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