''पोशाकों में छिपा व्यक्तित्व ''
आधुनिक मानव का पोशाकों में छिपा व्यक्तित्व ,
कहतें हैं ,मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान उसकी
पोशाक से होती है।
परन्तु आधुनिक मानव की पोशाकों का क्या
कहना ,किसी भी मानव का व्यक्तित्व सिमट कर रह गया है ,उसकी पोशाकों में ,
जितनी आड़ी तिरछी पोशाक उतना ही वह धनवान आधुनिक।
नैतिकता का कोई नाम नहीं ,अनैतिकता का है बोलबाला।
आधुनिकता की दौड़ में अंधों की तरह दौड़ रहा है आज का मानव ,
भले बुरे का विवेक नहीं ,
दुष्कर्मों का कोई खेद नहीं।
अभद्रता ,अश्लीलता ,में डूबा आज का समाज
धिक्कार है धिक्कार है। प्रसिद्धि पाने का अभद्र तरीका। मदर टेरिसा ,इन्दिरा ग़ांधी ,इत्यादि ऐसी कई महान हस्तियों का व्यक्तित्व है मिसाल ,की मनुष्य की साधारण पोशाकों में भी बन सकती है ऊँची पहचान।
प्रसिद्धि पाने का अभद्र तरीका ,
कुछ एक ने लोभ में बेची है अपनी लाज।
भारत माता आज खतरे में ,
है तेरे दुलारों का ,
मान सम्मान। मनुष्य के कर्मों में हो नैतिकता का अस्तित्व ,
तो साधारण पोशाकों में भी निखरता है व्यक्तित्व।