क्योंकि है,अप्रैल फूल
एक झाड़ू कि लगी थी फैक्ट्री,
हो गई उसके साथ एक बड़ी ट्रेजेडी,
भ्रष्टचार के कीचड़ को साफ़ करने को ज्यों झाड़ू उठाई,
सभी कि आफत बन आई,
सबसे पहेले कमल को चिंता सताई,
कीचड़ मैं ही कमल का घर,
हाथ भी कीचड़ मैं तर।
बीच मझदार मैं झाड़ू कि नैय्या डुबाई।
कीचड़ मैं भर-भर के हाथ खिल रहे थे कमल के फूल।
हाथी ने दहाड़ मरी,
उड़ाते हुए मस्ती मैं धूल सारी ,
कीचड़ ही कीचड़ दुनिया सारी,
तभी हाथी के हाथ आ गया,एक फूल जिसका नाम था.……
अप्रैल फूल।
माफ़ करना हो गई हो जो भूल,
क्योंकि है अप्रैल फूल।
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